Rajasthan Panchayat Elections 2025: ‘कैसा हो आपणो सरपंच’ -आकाश अग्रवाल की कलम से… ✍

Rajasthan Panchayat Elections 2025: पंचायत चुनावों का इंतजार सभी को बेसब्री से है, मुझे भी है। एक मीडिया कर्मचारी होने के नाते मेरा इस संदर्भ में जानना और भी जरुरी हो जाता है। राजस्थान में पंचायत चुनाव को लेकर अभी तारीखें तो सामने नहीं आई है, लेकिन गांवों के रसूखदार लोग अपने सर ताज बंधवाने के लिए आतुर दिखाई दे रहे हैं। कोरोना काल में करीब 2 वर्ष का समय पंचायतों के लिए बुरा रहा और यहां तक कि कई पंचायतों को सरकारी अनुदान भी नहीं मिला। पंचायतों का मौजूदा कार्यकाल खत्म होने को है, लेकिन चुनावों की तारीखों पर संशय बरक़रार है। तारीखों को लेकर इसलिए भी संशय बना हुआ है, क्योंकि सरकार चाहती है एक राज्य-एक चुनाव हो। सवाल तो ये है कि, पंच-सरपंच का चुनाव लड़ने की ताक देख रहे नेतागण क्या इतना इंतजार करेंगे? 

खैर जो भी होगा, लेकिन आपको एक आम वोटर के नजरिये से सोचना होगा। देश के शहरी विकास से पहले गांवों की सूरत बदलना जरुरी है। मैं तो गांव में हर एक वोटर से यही कहूंगा कि, आपको नेताओं की पुराने वादों की पोटरी से बाहर निकलना होगा और अपने गांव के बारे में गहनता से सोचना होगा। आपको सोचना होगा कि, गत वर्षों में जितने भी उम्मीदवारों को आपने अपना भरोसा दिया या फिर ‘बेचा’, उन सब ने आपके लिए क्या किया? 

आप वोट देने जाए, तो वोट डालने से पहले जरुर सोचना कि...आज तक छोटे से लेकर बड़े तक...हर अधिकारी सिर्फ आपका और हमारा इस्तेमाल करते आये है, लेकिन हमारी मूलभूत समस्याएं आज भी जस की तस बनी हुई है। क्यों हम आजादी के कई वर्षों बाद भी पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी जैसी कई जरुरी मूलभूत सुविधाओं से जूझते आ रहे है। इस बार वोट देने से पहले इन बातों को जरुर गांठ बांध लेना जी। 

Rajasthan Panchayat Elections 2025


‘कैसा हो आपणो सरपंच’ -आकाश अग्रवाल की कलम से…

👉 जातिवाद और भेदभाव से दूर हो हमारा सरपंच

उम्मीदवार का चयन जाति देखकर नहीं बल्कि उसकी योग्यता देखकर ही करना। ...और हां जातिवाद की कसम देने वाले उम्मीदवारों से बचना। एक बार स्वयं सोचना कि, जो उम्मीदवार जाति की कसमें देकर आपसे वोट लेगा..उसे स्वयं पर कितना विश्वास होगा। इसलिए लोभी कैंडिडेट को न चुनना। 

👉 सभी को ध्यान से सुनंने वाला हो हमारा सरपंच

आपका उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए, जो आपकी समस्याओं को सुने और उसे खत्म करने का विश्वास रखता हो। कहते है जो दूसरे लोगों को ध्यान से सुनता है,  वह अच्छा बोलता भी है। आप खुद सोचिये, जब समस्याएं ध्यान से सुनी ही नहीं जाएंगी तो उनका निपटारा किस आधार पर किया जायेगा।

👉 शिक्षित, समझदार व सहनशील हो हमारा सरपंच

पढ़े-लिखे उम्मीदवार का चयन करें। एक शिक्षित व्यक्ति ही आदर्श गांव का निर्माण कर सकता है। शिक्षित उम्मीदवार न सिर्फ आपकी समस्याओं पर गौर करेगा बल्कि वह निजी स्तर पर ही उन समस्याओं का उचित प्रबंधन करने में सहायक होगा। अक्सर देखा जाता है कि, अशिक्षित उम्मीदवार शहर के आला-अधिकारियों के सामने बेबस नजर आते है और यही से भ्रष्ट यानि कि ‘पैसा खाने वाली’ राजनीति की शुरुआत होती है।

👉 विकास राशि का सदुपयोग करने वाला हो हमारा सरपंच

हमारा सरपंच ऐसा होना चाहिए जो सरकार द्वारा गांव के विकास के लिए भेजी गई राशि का सदुपयोग कर सकें, जिससे गांव भी शहर की तर्ज पर दिखाई दे सके। हमारा सरपंच ऐसा होना चाहिए जो गांव का चहुंमुखी विकास करे, जिससे गांव का हर व्यक्ति अपने सरपंच के प्रति सहानुभूति रख सकें।

🙏 युवाओं से मेरी अपील🙏

युवा साथियों से मेरी अपील है, गांव के सभी लोगों को सही और निष्पक्ष चुनाव के प्रति जागरूक करें। अपने गांव की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए ईमानदार व मेहनती उम्मीदवार का चयन करने में अपनी ऊर्जा का सदुपयोग करें। शहर से आये हुए कोई सांसद या विधायक के द्वारा ‘गोद’ लेकर नहीं बल्कि आप ही अपने गांव को ‘आदर्श गांव’ बना सकते है। आपका गांव आदर्श बनेगा तो एक अच्छी सोच का जन्म होगा और देश का सही मायनों में विकास होगा। पंचायत चुनाव भले ही गैर दलीय आधार पर हो रहे हों, मगर सभी कैंडिडेट आपके सामने जीत के दावे करेंगे। सभी गांव के मेरे छोटे-बड़े प्यारे लोगों से मेरी विनती है कि इस बार बदलाव लाये। ऐसा करने के लिए किसी के बहकावे में ना आये और उम्मीदवार का चुनाव अपने मनोविवेक से ही करें।

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